भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कहा है कि भाजपा, मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह जी की वरिष्ठता और अनुभव का सम्मान करती है परन्तु उनके द्वारा दिए जा रहे गैर जिम्मेदाराना बयानों की कड़ी भत्र्सना और निंदा करती है। उम्र के इस पड़ाव में आकर इन्सान की समझ बढ़ती है परन्तु इसके विपरीत मुख्यमंत्री की बयानबाजी से उनकी बौखलाहट और राजनैतिक द्वेष उजागर हो रहा है।

सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि वीरभद्र सिंह लोकतांत्रिक सरकार के मुखिया हैं और मुख्यमंत्री व लोक सेवक होने के नाते प्रदेश की जनता के प्रति उत्तरदायी हैं। मुख्यमंत्री पद का दायित्व है कि अपने उपर लगे भ्रष्टाचार के किसी भी आरोप का जनता को स्पष्टीकरण दें और अपने पद की सुचिता बनाए रखे, परन्तु वीरभद्र सिंह जी अपने उपर लगे आरोपों का जवाब देने के बजाए अपने राजनैतिक विरोधियों के विरूद्ध घटिया टिप्पणियों से लोकतांत्रिक मर्यादाओं को ध्वस्त करने में लगे हुए हैं और वे इस बात को भूल रहे हैं कि उनके उपर आरोप किसी ऐरे-गैरे नत्थू खैरे के बजाए दो बार के सांसद और भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने लगाए हैं और यह शर्मनाक है कि आरोपों की सत्यता की जांच करने के बजाए वह प्रत्यारोपण की राजनीति कर रहे हैं।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वीरभद्र सिंह अभी भी रजवाड़ाशाही की मानसिकता से ग्रसित हैं। वह इस तरह का व्यवहार कर रहे हैं कि मानो वह मुख्यमंत्री न होकर कोई जागिरदार हों। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने वीरभद्र सिंह जी पर दोगलेपन का आरोप लगाते हुए कहा कि वीरभद्र सिंह जी की कथनी और करनी में जमीन आसमान का फर्क है। एक तरफ तो वह सार्वजनिक मंचो से कहते हैं कि धूमल परिवार से उनकी कोर्इ रंजिश नहीं है और दूसरी तरफ विजिलैंस के आला अधिकारियों को अपने दफ्तर में बुलाकर अनुराग ठाकुर और अरूण ठाकुर के विरूद्ध कार्यवाही करने के लिए अनावश्यक दबाव बना रहे हैं। उन्होनें विजिलैंस ब्यूरो को दुष्प्रचार ब्यूरो बनाकर रख दिया है। यह हैरानी का विषय है कि एक तरफ तो जांच कार्य चल रहा है और दूसरी तरफ विजिलैंस के अधिकारी गैर जिम्मेदाराना बयान दाग रहे हैं, जबकि मामला कोर्ट के विचाराधीन और अन्य मामले की जांच अभी तक चल रही है।

सत्ती ने कहा कि वीरभद्र सिंह व्यवकितगत रूप से किसी ऐरे-गैरे नत्थू खैरे का जवाब न देने का अधिकार रखते हैं परन्तु मुख्यमंत्री होने के नाते व प्रदेश की जनता के प्रति उत्तरदायी हैं और आज प्रदेश की जनता उनसे यह जानना चाहती है कि वकामुल्ला चंद्रशेखर कौन है और वीरभद्र सिंह और उनकी धर्मपत्नी ने एक आम आदमी से करोड़ों रूपये का ऋण क्यों लिया ? जबकि उनके बैंक खातों में पहले से ही करोड़ों रूपये जमा थे। भाजपा उनके ऋण लेने के अधिकार पर प्रश्न चिन्ह नहीं लगा रही है परन्तु वह परिसिथतियां संदेहास्पद जब एक केन्द्रीय मंत्री और उनकी धर्मपत्नी आम आदमी से बिना किसी कारण के अधिक ब्याज पर ऋण लेता है, जबकि उन्हें प्रदेश का कोई भी बैंक 4 प्रतिशत पर ऋण दे सकता था। पहले सीडी में पैसों की मांग और अब आम आदमी से करोड़ों का ऋण पैसों के प्रति इस परिवार के मोह का कारण प्रदेश की जनता जानना चाहती हैं। श्री सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि आज प्रदेश की जनता यह भी जानना चाहती है कि केन्द्रीय मंत्री रहते उनके सेब के बगीचो ने कैसे करोड़ो रूपये के सेब उगले जबकि उन्हीं बगीचों से कुल आमदन अब कुछ लाख रूपये रह गई है। सत्ती ने कहा कि वीरभद्र सिंह को आज आत्म विवेचन करने की जरूरत है। राजनैतिक द्वेष के चलते विरोधी राजनैतिक दल के नेताओं को तो वो प्रताडि़त कर ही रहे हैं, उनकी खुद की पार्टी के लोग भी घुटन महसूस कर रहे हैं और यही वजह है कि उनके मंत्रिमण्डल के सदस्य और सीपीएस आज त्यागपत्र दे रहे हैं। उन्होनें वीरभद्र से आग्रह किया है कि वे राजनैतिक द्वेष को छोड़कर प्रदेश के रूके विकास में तेजी लाएं।

प्रदेश पार्टी प्रवक्ता गणेश दत ने भी एक प्रेस विज्ञप्ति में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बयान की कड़ी भारत्सना की है और कहा की मुख्यमंत्री ने जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों को ऐरा-गैरा, नत्थू खैरा कहकर प्रदेश की जनता का अपमान किया है तथा उन्होनें ऐसा बयान देकर सामन्तशाही प्रवृति का परिचय दिया है।

उन्होंने आरोप लगाया है कि प्रदेश की सरकार सभी मर्यादओं का उल्लंघन करते हुए निरंकुशता से कार्य कर रही है तथा गत 10 माह के कार्यकाल में प्रदेश सरकार का दिवाला निकल गया है। पार्टी ने कहा कि सरकार में प्रशासनिक अधिकारी भारी दबाव, तनाव में कार्य कर रहे हैं तथा उन्हें गलत कार्य करने के लिए कहा जा रहा है। जिसका परिणाम है कि सरकार के अधिकारी पलायन करने पर मजबूर हैं। जहां सरकार के अधिकारी दबाव में है वहीं मुख्यमंत्री के शिकार विधायक, मंत्री, मुख्य संसदीय सचिव भी इस्तीफे दे रहे हैं तथा उच्च कमान के दरबार में आए दिन हाजरी भर रहे हैं तथा पहली बार हो रहा है कि एक चेयरमैन और संसदीय सचिव की नियुकित भी दिल्ली के आदेश से हो रही है।

प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश सरकार से कहा कि वह जनता से किए गए वायदों को पूरा करें। पार्टी प्रवक्ता गणेश दत ने कहा है कि 10 माह के कार्यकाल में कौशल विकास भत्ता के नाम पर 41 लोगों को चयनित किया गया है जबकि कौशल विकास भत्ते के नाम पर 500 होर्डिंग्स लगाए जा चुके हैं। उन्होनें कहा कि बेरोजगारी भत्ता देने का कांग्रेस का चुनावी मुददा हवा में क्यों उड़ गया ? कांग्रेस उसका उत्तर दें। पार्टी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार के समय 5972 लोगों को कौशल विकास भत्ता दिया जा चुका है, लेकिन कांग्रेस युवाओं को ठगने से अभी भी बाज नहीं आ रही है।