महिलाओं के साथ बलात्कार और अन्य अपराधों के लिए कडे दंड का प्रावधान करने वाले विधेयक को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। विधेयक में एसिड हमला, पीछा करने, घूरने और छिपकर ताकझांक करने को आपराधिक कृत्य माना गया है।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में यहां हुई कैबिनेट की बैठक में विधेयक को मंजूरी दी गई। विधेयक में सहमति से सेक्स करने की आयु 18 से घटाकर 16 साल करने का प्रावधान है।

बलात्कार की पीड़िता की मौत होने या उसके कोमा जैसी स्थिति में जाने पर दोषी को मौत की सज़ा दे सकने का इसमें प्रावधान किया गया है।

आपराधिक कानून संशोधन विधेयक 2013 में बलात्कार को लैंगिकता से जुड़ा विशिष्ट अपराध माना गया है यानी इसे महिला केन्द्रित बनाया गया है और इसके लिए केवल पुरुषों पर ही आरोप लगेगा।

महिलाओं पर अपराध को लेकर पिछले महीने जारी अध्यादेश की जगह यह विधेयक लेगा। अध्यादेश में यौन हमला शब्द का इस्तेमाल किया गया था जो लैंगिकता के लिहाज से अधिक तटस्थ था।

पहली बार घूरने, पीछा करने और छिपकर ताकझांक करने को आपराधिक कृत्य माना गया है। विधेयक के मुताबिक बलात्कार के लिए न्यूनतम सजा 20 साल कारावास है जिसे बढ़ाकर आजीवन कारावास किया जा सकता है।