पूर्व मुख्यमंत्री व् नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने हिमाचल उच्च न्यायालय द्वारा राजनैतिक आधार पर प्रदेशभर में हो रहे तबादलों पर रोक लगाने के निर्णय का स्वागत और सराहना की हैl प्रेस विज्ञप्ति में धूमल ने कहा की उच्च न्यायालय के इस एतिहासिक फैसले से भाजपा के इन् आरोपों की पुष्ठी होती है की कांग्रेस सरकार राजनेतिक द्वेष के चलते सरकारी कर्मचारियों के तबादले कर रही हैl

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा की कर्मचारियों का तबादला प्रदेश सरकार के अधिकार में आता है परन्तु उसका आधार प्रशासनिक व् लोकहित होना चाहिए न कि निराश, हताश व् लोगों द्वारा नकारे जा चुके सत्ता दल के नेताओं कि अनुशंसा होना चाहिएl इस तरह से कर्मचारियों का सथानंत्रण करना इनके मनोबल को गिरता है और विकास कामों में अवरोध उत्पन करता हैl

धूमल ने कहा कि सरकारी अधिकारीयों और कर्मचारियों के तबादले एक सामान्य प्रक्रिया है और हर वर्ष मार्च और अप्रैल के महीने में प्रशासनिक आधार पर तबादलों कि प्रक्रिया चलती है और यह सरकार का अधिकार भी है, परन्तु वर्तमान सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के तबादले को सरकार के मंत्रियों, पार्टी के नेताओं और पहुँच वाले दलालों ने इसे एक उद्योग में तब्दील कर दिया है और पिछले छ महीनो में कांग्रेस सरकार ने यह साबित भी कर दिया हैl

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने कर्मचारियों को यथायोग्य सम्मान दिया था और दावा किया कभी भी नाजायज़ तबादले किये गएl उन्होंने कहा कि कर्मचारियों कि मेहनत के फलस्वरूप ही उनके कार्यकाल के दोरान लगातार चार साल बीस सूत्रीय कार्यक्रम के कार्यान्वयन में देशभर में प्रथम रहा और पांच वर्ष के कार्यकाल में 80 से ज्यादा राष्टीय पुरस्कार से हिमाचल प्रदेश को सम्मानित किया गयाl

प्रेम कुमार धूमल ने वीरभद्र सरकार से अनुरोध किया है वे द्वेष भाव से कर्मचारियों के तबादले न करे और इसके लिए अगर कोई ठोस नीति बनानी है तो प्रदेश सरकार उच्च नयायालय के इस ऐतिहासिक निर्णय को मद्देनज़र रखते हुए नयी स्थानान्तरण नीति बनायें और तब तक प्रदेशभर में कर्मचारियों के स्थानान्तरण पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध लगायेl