शिमला: सेब सीजन अब लगभग समापित की ओर है । सेब सीजन के आरम्भ होते ही जिला में बागवानों को मणिडयों तक अपना उत्पाद पहुंचाने की उत्सुकता रहती है तो आम जन को ट्रैफिक जाम से होने वाली परेशानी के प्रति धुकधुकी । इस बार पुलिस प्रशासन के बेहतर प्रबन्धन के कारण सीजन के दौरान यातायात सुचारू रहा । सेब की बम्पर फसल और लगातार बरसात के बावजूद भी बागवानों का फल तय समय पर मणिडयों में पहुंचा और लोगों को जाम की समस्या से दो चार नही होना पड़ा । जिला के समस्त क्षेत्रों में इक्का दुक्का घटनाओं को छोड़कर समस्त मुख्य व सम्पर्क मार्गो पर यातायात सामान्य रहा ।

इस सारी व्यवस्था को बनाए रखने व नियम कानून की अनुपालना को सुनिशिचत करने के उददेश्य से पुलिस विभाग की मुस्तैदी और कार्य प्रणाली सराहनीय रही । पुलिस अधीक्षक अभिषेक दुल्लर के दिशा निर्देशों व डी.एस.पी. पुनीत रघू और पंकज शर्मा की अगुआर्इ में कुल 120 पुलिस जवानों की सहायता से इस वर्ष जिला में सेब ढोने के लिए पहुंचे 50,000 से अधिक ट्रको की आवाजाही को पुलिस ने नियमित और सुचारू बनाए रखा । ट्रको की जाच पड़ताज का कार्य जिला में स्थापित चार बैरियरों के माध्यम से किया जाता रहा । जिला प्रशासन और उधान विभाग के कर्मचारियों के अतिरिक्त प्रत्येक बैरियर पर 4 अथवा 5 पुलिस कर्मी तैनात रहते व जाच प्रकि्रया में सहयोग प्रदान करते । ये वैरियर भेखलटी समीप फागू, बलग समीप नैना, कोटखार्इ क्षेत्र के बाघी व शोघी में स्थापित किए गए थे । इसके अतिरिक्त पुलिस पैट्रोलिंग के माध्यम से भी जाच व यातायात व्यवस्था को दरूरत बनाए रखा गया ।

पुलिस अधीक्षक अभिषेक दुल्लर ने बताया कि पुलिस विभाग द्वारा पहली बार इस वर्ष ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम का प्रयोग ट्रको की चोरी रोकने और उनकी सही सिथति का पता लगाने के लिए किया गया । प्रायोगिक तौर पर किया गया यह प्रयास सफल रहा और अगले वर्ष इसे व्यापक तौर पर लागू करने पर पुलिस विभाग विचार कर रहा है । इस वर्ष 28 जी.पी.एस. उपकरणो का प्रयोग बाहर से विशेष रूप से आध्रा, बंगाल, आसाम व दिल्ली से आने वाले ट्रकों में किया गया ताकि उनकी निगरानी की जा सके ।

ढली भटठाकुफर सब्जी मण्डी संजौली व साथ लगते इलाको के जाम की समस्या से बचने तथा ट्रको को मणिडयों में माल लाने व प्रदेश की अन्य मणिडयों तक ले जाने के लिए विशेष यातायात नियंत्रण प्रबन्धन लागू किया गया । जिला के उपरी क्षेत्रों से सेब को शिमला मण्डी तक लाने के लिए छोटी गाडि़यों का सहारा लिया गया । अधिक मात्रा में सेब लाने के लिए सम्पर्र्क मागों में छोटी गाडि़यों के माध्यम से सेब ढुलार्इ कर मुख्य मार्ग तक लाया जाता है और वहां से बड़े ट्रको में सेब प्रदेश से बाहर की मणिडयों में भेजा जाता है । ऊपरी क्षेत्रों से आने वाली गाडि़यों को रात में छराबड़ा और इसके आसपास रोक लिया जाता रहा और इस अवधि के दौरान ढली व भटठा कुफर मण्डी में बड़े ट्रको में उसे सुबह-सुबह प्रदेश के बाहर की मणिडयों में भेज दिया जाता रहा है । शिमला से बाहर भेजने के लिए ट्रको को मल्याणा आन्नदपुर होते हुए शोघी से बाहर निकाला जाता ताकि नगर में यातायात में बाधा उत्पन्न न हो । सुबह छराबड़ा रोकी गर्इ गाडि़या ढली भटठाकुफर मण्डी में प्रवेश करती और माल उतारा जाता है इस तरह से नगरवासियों को जाम की समस्या से भी निजात मिली ।