हिमाचल में धारा 118 का उलंघन एक मुड़ा बनकर उभरा था जो आज भी कांग्रेस और भाजपा के बीच वाक युद को हवा दे रहा हैl कांग्रेस ने विधान सभा चुनाव के दौरान 118 के उलंघन को लेकर भाजपा को कटघरे में खड़ा किया था और उस समय कि सत्तासीन भाजपा पर खुलेआम हिमाचल बेचने का आरोप लगाया थाl हालाँकि तक़रीबन सरकार को बन कर साल होने को है मगर कोइ भी ठोस परिणाम अभी तक कांग्रेस शासित सरकार ने भाजपा के विरूद्ध अभी तक नहीं दिया हैl मगर आज विपक्ष में बैठी भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर अपने चहेतों को धारा 118 का उलंघन करते हुए हिमाचल में भूमि आबंटित करने का संगीन आरोप लगाया हैl

प्रदेश भाजपा पार्टी प्रवक्ता गणेश दत ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि भाजपा शासन के दौरान कांग्रेस पार्टी ने एक ही रट लगा रखी थी कि हिमाचल बेच दिया है। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की सरकार ने 2003 से 2007 तक 2398 लोगों को 118 के तहत जमीन खरीदने की अनुमति प्रदान की थी जिसके तहत 18500 बीघा जमीन लुटाई गयी जबकि भाजपा शासन के दौरान 1649 लोगों को भूमि खरीदने की अनुमति प्रदान की और 14400 बीघा जमीन खरीदने की अनुमति प्रदान की। इस प्रकार कांग्रेस पार्टी की सरकार यह बताये कि हिमाचल, कांग्रेस पार्टी ने बेचा या भारतीय जनता पार्टी ने। यही नहीं कांग्रेस पार्टी ने अपने पिछले कार्यकाल में 2005 से 2007 तक कुल 61 बिल्डरों को अपार्टमैंट एक्ट के तहत लार्इसैंस प्रदान किए जबकि भाजपा कार्यकाल में केवल 9 लार्इसैंस दिए गये थे तो हिमाचल, कांग्रेस ने बेचा या भाजपा ने।

भाजपा प्रवक्ता श्री गणेश दत ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि उसने निजी विश्वविधालयों के दबाव में सरकार का पक्ष मजबूती से नहीं रखा तथा निजी विश्विधालयों तथा निजी शिक्षण संस्थानों की गतिविधियों तथा शिक्षा की गुणवता पर नियंत्रण रखने वाली रेगुलेटरी कमीशन को वर्तमान सरकार ने समाप्त कर दिया है तथा प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश के विरूद्ध वर्तमान सरकार ने अभी तक सर्वोच्च न्यायालय में अपना पक्ष नहीं रखा हैं। पार्टी ने कहा कि रेगुलेटरी कमीशन के बारे में सरकार अपना पक्ष मजबूती से नहीं रख सकी जिसके कारण निजी विश्वविधालयों की मनमर्जी खुले आम चल रही है तथा शिक्षा की गुणवत्ता तथा शिक्षा का स्तर लगातार गिरना शुरू हो गया है। शिक्षा की दुकान खुलने का आरोप लगाने वाली कांग्रेस रेगुलेटरी कमीशन पर खामोश क्यों है?

भारतीय जनता पार्टी ने सरकार से मांग की है कि वह निजी विश्वविधालय तथा निजी शिक्षण संस्थाओं की नियमित चैकिंग करें तथा रेगुलेटरी कमीशन की बहाली के लिए सर्वोच्च न्यायालय में अपना पक्ष रखें, जिससे शिक्षा का स्तर व गुणवत्ता बरकरार रह सके।

भाजपा ने वीरभद्र सरकार पर आरोप लगाया कि उसकी कथनी व करनी में अंतर है। कांग्रेस जब सरकार में होती है तो वह हिमाचल के हित लगातार बेचने से परहेज नहीं करती तथा जब वह विपक्ष में होती है तो उसका दृषिटकोण बदल जाता है। पार्टी ने कहा कि कांग्रेस विपक्ष में रहते हिमाचल आन सेल का झूठा नारा लगाती रही। भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि निजी विश्वविधालयों को 1 लाख बीघा जमीन देने की बात कहने वाली कांग्रेस ने विधान सभा में जवाब दिया था कि निजी विश्वविधालयों को एक इंच जगह नहीं दी। इस प्रकार कांग्रेस पार्टी दुष्प्रचार करने के लिए प्रदेश की जनता से माफी मांगे।