हिमाचल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा हिमाचल प्रदेश सरकार के उस आवेदन को खारिज करने का स्वागत किया है जिसमें सरकार के विभिन्न पदों पर आसीन दागी अफसरों को अपने-अपने स्थानों में जारी रखने का सरकार ने अनुरोध किया था तथा पूर्व में दिये गये शपथ पत्र को सरकार वापिस लेकर दागी अधिकारियों के मनोबल बढाने का कार्य कर रही है।

पार्टी प्रदेश प्रवक्ता गणेश दत्त ने प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करते हुये पूछा है कि ऐसी क्या विवशसता है कि प्रदेश की वीरभद्र सरकार दागी अफसरों को उनके स्थानों से हटाने से डर रही है । पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि यह सरकार का दायित्व था कि वह दागी अफसरों को अपने स्तर पर हटाने के लिये कड़े कदम उठाती लेकिन प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद भी सरकार दागी अफसरों को अपने स्थानों में रहने देने के लिये न्यायालय में शपथ पत्र देकर उन्हें अपने स्थानो से न हटाने की बात कर रही है।

प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि ईमानदारी का दम भरने वाली सरकार आज भ्रष्टाचारियों के आगे विवश क्यों है जबकि उनकी पार्टी के अध्यक्ष भी दागी अफसरों को अपने-2 स्थानों से हटाने की मांग कर रहे है, ऐसा लग रहा है कि प्रदेश की सरकार अनैतिकता की राह पर चल रही है तथा भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है और ईमानदार अफसरों व कर्मियों का मनोबल गिरा रही है।

हिमाचल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने सरकार के उस निर्णय का भी कड़ा विरोध किया है जिसमें डाक्टर, जे ई, नर्स, लाइनमैन, पम्प आपरेटर के इन्टरव्यू सीधे विभागीय स्तर पर कराने की बात की है। पार्टी ने कहा कि सरकार का यह निर्णय अपात्र लोगों को पिछले दरवाजे से भर्ती करने तथा चिटों पर भर्ती का नया नमूना है। पार्टी ने कहा कि अधीनस्थ चयन सेवा आयोग तथा पबिलक सर्विस कमीशन जब पूरी निष्ठा से काम कर रहे हैं तो यह नया फार्मूला क्यों। पार्टी ने कहा कि उक्त पदों की भर्ती में देरी होने का तर्क समझ से परे है तथा सरकार पिछले दरवाजे से भर्ती करने का रास्ता ढूढने की जगह लोक सेवा आयोग तथा अधीनस्थ चयन सेवा बोर्ड हमीरपुर में पर्याप्त स्टाफ मुहैया करें जिससे पारदर्शी एवं न्यायपूर्ण सिस्टम से इन्टरव्यू हो सकें। पार्टी ने कहा कि यदि सरकार ने विभागीय स्तर पर सीधा भर्ती का प्रयोग किया तो पार्टी इसका विरोध करेगी।