हिमालय साहित्य मंच ने शिमला पुस्तक मेले के उद्घाटन अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निर्देशों का जिसमें उन्होंने पुस्तक मेले से शिक्षा विभाग द्वारा 10 लाख रूपए की पुस्तक खरीद और प्रदेश में बंद किए गए लेखक गृहों को खोलने के लिए जो घोषणाएं की है उसका स्वागत और आभार व्यक्त किया हैं।

हिमालय साहित्य मंच ने सुझाव दिए है की इस संदर्भ में शिक्षा विभाग शीघ्र भाषा एवं संस्कृति विभाग के साथ मिलकर ‘पुस्तक खरीद समिति‘ का गठन करें जिसमें स्थानीय वरिष्ठ लेखकों को भी प्रतिनिधित्वव दिया जाए। इसके साथ कुल राशि का 50 प्रतिशत हिमाचल प्रदेश के लेखकों की पुस्तकों पर व्यय किया जाए क्योंकि इस बजट से प्रदेश के हर छोटे बड़े पुस्तकालयों तक हिमाचल के लेखकों की पुस्तकें पहुंच सकती है।

हिमालय साहित्य मंच ने आशंका जताई है की कंही ये घोषणाएं भी कागजों में ही दफन ना हो जाये जैसे मुख्यमन्त्री की पहले की घोषणाएं जो की उन्होंने डेढ़ वर्ष पूर्व शिमला में आयोजित साहित्य समारोह में की थी, जिसमें भाषा विभाग और अकादमी के 15 साल से बंद पुरस्कारों को प्रदान करना, लेखक गृहों को बहाल करना, राज्य और अकादमी पुरस्कार प्राप्त साहित्यकारों को परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा का प्रावधान और अकादमी द्वारा प्रत्येक हिमाचल के लेखक की 10 हजार तक की पुस्तकों की खरीद शामिल थी, हो गयी थी l