भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री नरेंद्र बरागटा ने ठियोग हाटकोटी रोहड़ू सड़क के निर्माण कार्य पूरा करने मे देरी के लिए जुब्बल कोटखाई के विधायक रोहित ठाकुर और कॉन्ग्रेस सरकार की ठेकेदार कंपनी के साथ मिलीभगत को जिम्मेवार ठहराया है।

नरेंद्र बरागटा ने जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा कि वर्ष 2007 से लेकर आज तक तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इस सड़क पर जमकर राजनीति की है । उस समय चुनाव की जल्दी में श्रेय लेने के लिए बिना किसी फॉरेस्ट और एनवायरनमेंट क्लियरेंस के इस सड़क निर्माण के कार्य का टेंडर चीन की कंपनी को दे दिया था । वर्ष 2008 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने इस सड़क के निर्माण लिए जरुरी 87% प्रतिशत फारेस्ट और एनवीरन्मेंट क्लीयरेंस के साथ निजी भूमि का अधिग्रहण भी करवाया किंतु तत्कालीन केंद्र की कॉन्ग्रेस सरकार ने इस का श्रेय भारतीय जनता पार्टी को ना मिले इसलिए राजनीति कारणों से चीनी कंपनी के कर्मचारियों और अधिकारियों का वीसा रद करवा दिया जिसके कारण सड़क के निर्माण का कार्य पूरी तरह से बाधित हो गया । उसके पश्चात भारतीय जनता पार्टी ने वर्ष 2012 में चाइना कंपनी का टेंडर रद्द किया और इस सड़क को दो भागों में बांट कर अलग-अलग टेंडर की प्रक्रिया का प्रावधान किया किंतु वर्ष 2012 के अंत में कॉन्ग्रेस सरकार के आने के बाद इस सड़क को वर्तमान ठेकेदार C&C कंपनी को ठेका दिया गया जबकि इसके अलग-अलग दो टेंडर होने थे जिसमें एक भाग ठियोग से खड़ा पत्थर और दूसरा भाग खड़ा पत्थर से रोहडू के बीच में था ।

बरागटा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी बार-बार सरकार से सवाल पूछती रही और वर्तमान ठेकेदार कंपनी फाइनेंसियल बिड में भी फेल पाई गई थी फिर भी सरकार और स्थानीय विधायक की मिलीभगत के चलते कंपनी को फायदा देने के लिए इस सड़क टेंडर दिया गया। नरेंद्र बरागटा ने कांग्रेस नेताओं को याद दिलाते हुए कहा कि वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में विधायक रोहित ठाकुर ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान इस सड़क को 100 दिन में पक्का करने का वादा जनता से किया था किंतु आज तीन बार कंपनी को एक्सटेंशन देने के बावजूद अभी तक अधिकतर कार्य पूरा नही हो पाया है और इस वर्ष सेव सीजन आने से पूर्व जुब्बल और कोटखाई के बीच में लगभग दो किलोमीटर सड़क की हालात खस्ता है जिसके कारण बागवानों को इस वर्ष भी सेव सीजन के दौरान भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

चूंकि अब वर्ल्ड बैंक ने इस सडकनिर्माण के कार्य को एक्सटेंशन देने इनकार कर दिया है जिसके कारण इस सडक के निर्माण के लिए अब प्रदेश सरकार पर लगभग 100 करोड रु का अतिरिक्त भार पड़ने वाला है जिसके लिए कांग्रेस सरकार के विधायक और नेता जिम्मेवार है। इस सड़क के कारण बागवानों को पिछले चार वर्षों में सैंकड़ों करोड का नुकसान हुआ है।

नरेंद्र बरागटा ने कहा कि इस सड़क पर आज तक जितना भी निर्माण कार्य हुआ है वह माननीय उच्च न्यायालय के दबाव और सीधी निगरानी के कारण संभव हुआ है। जबकि विधायक रोहित ठाकुर केवल बयानबाजी करके और कंपनी के साथ मिलीभगत करके इसका झूठा श्रेय लेने का प्रयास करते रहे। जबकि वर्तमान ठेकेदार कंपनी द्वारा किए गए कार्य की गुणवत्ता भी सवालो के दायरे में हैं और ना जाने कितनी निर्माणाधीन दीवारे पिछले दो वर्ष में गिर गयी और बहुत दीवारों में अभी से दरारे आने लगी हैं इसकी जांच की मांग आने वाले समय में भारतीय जनता पार्टी माननीय न्यायालय के माध्यम से करेगी।